लोगों की परवाह करना

लोगों की परवाह करना

दुनिया भर में हर किसी के लिए हार्पिक बेहतर स्वच्छता का प्रतीक है। क्योंकि स्वस्थ, खुशहाल, स्वच्छ घर की शुरुआत बेहतर सफाई से ही होती है। और बेहतर सफाई का अर्थ वस्तुतः अपने प्रियजनों की परवाह करना है।

हमारा मिशन है कि सभी के लिए सुरक्षित टॉयलेट तक पहुँच हासिल हो।

हर जगह और हर किसी के लिए जरूरी है कि बाथरूम स्वच्छ और रोगाणु मुक्त हो। एक ऐसा कमरा, जिसके साफ होने पर आप गर्व महसूस कर सकते हैं। यह आपके घर का एक प्रमुख हिस्सा और अंतरंग स्थान भी है, जिसे लेकर आप आश्वस्त होने चाहिए कि यह आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए लाभप्रद है।

अपने चेहरे को स्क्रब करती हुई एक भारतीय महिला

वैश्विक रूप से हमारा मिशन है कि सभी के लिए सुरक्षित टॉयलेट तक पहुँच हासिल हो। हम पहले ही व्यवहार में परिवर्तन लाने की मुहिम को शुरू कर चुके हैं जिससे लाखों लोग लाभान्वित हो सकें। 

  

कोविड-19 की आपदा वाले पिछले 24 महीनों में, हमारे इंक्लूसिव प्रोडक्ट इनोवेशनों की बदौलत दुनिया भर के 11 बाजारों में 75,000.000 अतिरिक्त परिवारों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के बेहतर मानकों को प्राप्त करने में मदद मिली है। और हम दुनिया में जो प्रभाव लाना चाहते हैं, उसमें और वृद्धि के लिए हमने प्रमुख संगठनों के साथ भागीदारी स्थापित की है। भारत में, इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

पानी के पाइप से अपने हाथों में पानी भरता हुआ एक आदमी

Water.Org

(रेकिट के हिस्से के रूप में) हार्पिक और Water.Org ने मिलकर भारत, इंडोनेशिया और केन्या के वंचित समुदायों के लिए दीर्घकालिक घरेलू जल और सैनिटेशन के समाधान पेश किए हैं। वर्तमान समय तक, हम 1.1 मिलियन (11 लाख) लोगों तक पहुंच चुके हैं, और घरेलू स्वच्छता के लिए 78.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पूंजी और 95% ऋण जुटा चुके हैं।

Water.org Logo

मिशन स्वच्छता और पानी (मिशन सैनिटेशन वाटर)

आज भारत में, पर्याप्त मात्रा में पानी की अनुपलब्धता कई घरों के लिए अपने टॉयलेट की स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने में एक प्रमुख बाधा बन गई है। 600 मिलियन (60 करोड़) से अधिक भारतीयों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, और वर्ष 2030 तक अनुमानित रूप से भारत में पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति की दोगुनी हो जाएगी जो स्थिति को और भी बदतर बना देगी। भारत के सबसे बड़े मीडिया घरानों में से एक, नेटवर्क 18 के साथ साझेदारी में मिशन स्वच्छता और पानी पहल को संचालित करते हुए हार्पिक एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने की सोच रहा है, जिससे भारत में लाखों लीटर पानी को बचाने में मदद मिलेगी ताकि भारत में किसी भी घर को पानी की अपर्याप्त उपलब्धता के चलते अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ समझौता न करना पड़े।

मिशन स्वच्छता और पानी का लोगो

AI

भारत में सफाई कर्मचारियों की दुर्दशा को देखते हुए रेकिट ने सिंगापुर के वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइज़ेशन (डब्ल्यूटीओ) और जागरण पहल नामक एनजीओ के सहयोग से वर्ष 2016 में इसे शुरू किया था। टॉयलेट कॉलेज अब छह राज्यों में मौजूद है, और इसे सफाई कर्मचारियों को सम्मानपूर्ण ढंग से आजीविका उपलब्ध कराने, बुनियादी अधिकारों तक उन्हें पहुंच प्रदान करने तथा उनके आत्मसम्मान में वृद्धि करने के लिए स्थापित किया गया है। ये कॉलेज सफाई कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ज्ञान साझा करने वाले एक मंच के रूप में काम करते हैं। कॉलेज द्वारा प्रशिक्षित श्रमिकों को विभिन्न संगठनों में प्लेसमेंट उपलब्ध कराया जाता है। कॉलेज द्वारा सफाई कर्मचारियों को उनके अधिकारों, स्वास्थ्य संबंधी खतरों, तकनीक के उपयोग और आजीविका वैकल्पिक कौशलों के बारे में शिक्षित किया जाता है।

सीढ़ियों पर खड़ा सफाई कर्मचारियों का समूह - हार्पिक वर्ल्ड टॉयलेट कॉलेज का हिस्सा